आगामी मार्च में ’ब्रह्मोस’ मिसाइल भारतीय वायुसेना में शामिल होगा
अगले साल के शुरू में भारत के लड़ाकू विमानों पर भी ब्रह्मोस तैनात किए जाने लगेंगे
सँयुक्त कम्पनी ’ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ के प्रवक्ता प्रवीण पाठक ने समाचार समिति रिया नोवस्ती को जानकारी दी है कि मार्च 2017 के बाद सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ’ब्रह्मोस’ को भारत की वायुसेना के लड़ाकू विमानों पर भी तैनात कर दिया जाएगा।
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का निर्माण रूस और भारत के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है और अब उसका उत्पादन दो देशों की सँयुक्त कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। पिछले दो साल से वैज्ञानिक ब्रह्मोस मिसाइल को लड़ाकू विमानों पर तैनात करने के लिए उसका विशेष संस्करण बनाने की कोशिश कर रहे थे। अब इस नए ब्रह्मोस मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई विमान पर तैनात करके उसके परीक्षण किए जा रहे हैं। थल सेना के लिए और नौसेना के लिए इस मिसाइल के संस्करण पहले ही भारतीय सेना में शामिल कर लिए गए हैं।
जकार्ता में हो रही सुरक्षा प्रदर्शनी ’इण्डो डिफ़ेंस-2016’ के उद्घाटन समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए प्रवीण पाठक ने कहा — मार्च 2017 में जब सुखोई-30 एमकेआई विमान से इस मिसाइल से ज़मीनी और समुद्री लक्ष्यों को निशाना बनाने के अन्तिम परीक्षण पूरे हो जाएँगे तो ब्रह्मोस मिसाइल को भारतीय वायुसेना में भी शामिल कर लिया जाएगा।
मार्च में इस मिसाइल के सुखोई-30एमकेआई विमान से प्रक्षेपण के अन्तिम परीक्षण होने के बाद इसका दो वर्षीय परीक्षण काल पूरा हो जाएगा। पाठक ने बताया कि वैज्ञानिक उस कम्पन को दूर करना चाहते थे, जो ब्रह्मोस के परीक्षण के समय हो रहा था। नई अभिनव तकनीक का इस्तेमाल करके वैज्ञानिक प्रक्षेपण के दौरान होने वाले कम्पन को दूर करने में सफल हो गए। यह नई अभिनव तकनीक भारतीय वैज्ञानिकों की थाती है और अभी तक पूरी दुनिया में इस अभिनव तकनीक का कोई सानी नहीं है।
पहली बार रिया नोवोस्ती में प्रकाशित।
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