रूसी उपग्रह ’कनोपुस’ ब्रिक्स उपग्रह समूह में शामिल होगा
रूसी अन्तरिक्ष संगठन ’रोसकोसमोस’ के उप-महानिदेशक मिख़ायल ख़ायलफ़ ने पत्रकारों को बताया कि रूसी उपग्रह ’कनोपुस’ को भी ब्रिक्स देशों के दूरसंवेदी उपग्रहों के उस सँयुक्त समूह में शामिल किया जाएगा, जो अन्तरिक्ष से पृथ्वी पर निगाह रखते हैं और पृथ्वी की निगरानी करते हैं।
इससे पहले रोसकोसमोस के महानिदेशक ईगर कमारोफ़ ने बताया था कि ब्रिक्स देशों के बीच अन्तरिक्ष से पृथ्वी पर निगाह रखने वाले उपग्रहों के एक सँयुक्त समूह का निर्माण करने के बारे में सहमति हो गई है।
मिख़ाइल ख़ायलफ़ ने कहा — पिछले सप्ताह चीन में ब्रिक्स देशों के अन्तरिक्ष संगठनों की बैठक में हम लोगों ने यह तय कर लिया है कि अन्तरिक्ष से पृथ्वी पर निगाह रखने वाले उपग्रहों का ब्रिक्स देशों का सँयुक्त समूह कैसा होगा। अब यह साफ़ हो गया है कि उपग्रहों के इस सँयुक्त समूह में कौन-कौन से उपग्रह शामिल किए जाएँगे। हमारी तरफ़ से इस समूह में ’कनोपुस’ दूरसंवेदी उपग्रह को शामिल किया जाएगा। इस सिलसिले में अन्तरसरकारी स्तर पर सहयोग सम्बन्धी दस्तावेज़ तैयार किए जा रहे हैं। ब्रिक्स देशों के अन्तरिक्ष संगठनों के प्रतिनिधियों की अगली मुलाक़ात अगले साल रूस में होगी।
रूसी अन्तरिक्ष संगठन ’रोसकोसमोस’ के उप-महानिदेशक मिख़ायल ख़ायलफ़ ने कहा — चीन और भारत भी इस सँयुक्त समूह में अपने ऐसे दूरसंवेदी उपग्रह शामिल कर रहे हैं, जो एक से तीन मीटर के इलाके को भी साफ़-साफ़ देख सकेंगे। दक्षिणी अफ़्रीका के पास चूँकि अभी तक ख़ुद अपने उपग्रह पृथ्वी की परिधि पर नहीं हैं, इसलिए वह हमें इस उपग्रह समूह के लिए ज़मीनी ढाँचा तैयार करके देगा। ब्राज़ील का अन्तरिक्ष में अपना उपग्रह है, जो ब्राज़ील और चीन के सहयोग से काम कर रहा है और सँयुक्त उपग्रह समूह के मिलकर किए जाने वाले काम में योग दे सकता है। हमारी दिलचस्प्पी न सिर्फ़ ’कनोपुस’ उपग्रह से मिलने वाली सूचनाओं में है, बल्कि हम दक्षिणी अफ़्रीका से और ब्राज़ीली उपग्रह से मिलने वाली जानकारी में भी रुचि रखते हैं।
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