रूसी ख़ुफ़िया संस्थाओं ने आतंकवादी कार्रवाइयाँ रोकीं
रूस में मध्य एशिया के दस निवासियों को गिरफ़्तार किया गया
रूसी ख़ुफ़िया संस्था एफ़एसबी (फ़ेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो) ने हाल ही में एक विडियो जारी किया है, जिसमें एक युवा आतंकवादी से पूछताछ की जा रही है। जब उससे पूछा गया – तेरा भाई क्या करता है? तो उत्तर मिला – वह सीरिया में है। – अच्छा, वो वहाँ क्या कर रहा है? – जिहाद कर रहा है। एफ़एसबी द्वारा गिरफ़्तार किए गए इस आतंकवादी का नाम है – अब्दूख़ोलेब मिर्ज़ाएव। वह ताजिकिस्तान का नागरिक है। उसने बताया कि उसे मस्क्वा (मास्को) में धमाके करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी और वह यह काम पूरा करने के लिए ही मस्क्वा आया था।
टैक्सीचालकों और सेल्समैनों का जिहाद
अब्दूख़ोलेब मिर्ज़ाएव और दो अन्य सन्देहास्पद आतंकवादियों को विगत 12 नवम्बर को मस्क्वा में गिरफ़्तार किया गया था। और उनके सात साथियों को साँक्त पितेरबुर्ग (सेण्ट पीटर्सबर्ग) में पकड़ा गया। ये सभी लोग ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और किर्गिजिस्तान के नागरिक हैं। एफ़एसबी ने बताया कि इन लोगों के पास से कलाशनिकफ़ या एके-47 रायफ़लें और चार बेहद शक्तिशाली देसी बम बरामद हुए। साँक्त पितेरबुर्ग में गिरफ़्तार किए गए आतंकवादी अपनी पहचान छुपाने के लिए टैक्सीचालकों और चौकीदारों के रूप में काम कर रहे थे, जबकि मस्क्वा में पकड़े गए तीनों आतंकवादी एक टिम्बर मार्केट में सेल्समैन बने हुए थे।
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ख़ुफ़िया एजेंसियों के हवाले से रूसी समाचारपत्र ’रस्सीस्कया गज़्येता’ ने जानकारी दी है कि ये आतंकवादी उसी तरह की आतंकवादी कार्रवाई करना चाहते थे, जिस तरह की आतंकवादी कार्रवाई 13 नवम्बर 2015 को आतंकवादियों ने पेरिस में की थी। ये लोग एक साथ कई भीड़ भरी जगहों पर धमाके करने के बाद डरकर भागते हुए लोगों पर फ़ायरिंग करना चाहते थे। समाचारपत्र ’कमेरसान्त’ के सूत्रों के अनुसार, गिरफ़्तार किए गए सभी आतंकवादियों का जीवन अपराधों से भरपूर रहा है। अपने-अपने देश में इन सभी की पुलिस को तलाश थी। इन देशों की पुलिस को मालूम था कि इन लोगों के रिश्ते आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (आईएस) से हैं।
सीरियाई सम्पर्क
गिरफ़्तारी के बाद आतंकवादियों से की गई पूछताछ में आतंकवादियों ने यह स्वीकार किया है कि उनके रिश्ते आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (इरा) के सरगनाओं के साथ हैं और इन लोगों को रूस में बड़ी आतंकवादी कार्रवाइयाँ करने के लिए रूस भेजा गया है। रूसी ख़ुफ़िया एजेन्सियों के साथ सहयोग करने वाली किर्गीज़िस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने बताया कि इन सभी आतंकवादियों को ’इस्लामी राज्य’ (इरा) के प्रशिक्षण-शिविरों में प्रशिक्षित किया गया है और वे ख़ुद अपनी इच्छा से इन शिविरों में भरती हुए थे।
एफ़एसबी के सेवानिवृत्त मेजर-जनरल और एफ़एसबी में अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी संघर्ष विभाग के पूर्व प्रमुख यूरी सपूनफ़ का अनुमान है कि इन सभी आतंकवादियों को आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ ने रूस में आने के बाद ही बरगलाया होगा। रूस-भारत संवाद से बात करते हुए यूरी सपूनफ़ ने कहा – ’इरा’ के एजेण्टों ने इन्हें रूस में ही बरगलाया होगा, जैसाकि आम तौर पर यूरोप में और सारी दुनिया में हो रहा है। पहले कुछ लोगों को अलग-अलग बरगलाया जाता है, उसके बाद इन्हें अलग-अलग गुटों में एकजुट किया जाता है। आतंकवादियों का हर गुट अलग-अलग आत्मनिर्भर ढंग से काम करते हुए आतंकवादी कार्रवाइयों को अंजाम देता है। ’इरा’ के सदस्यों के इस तरह के बहुत से गुट अलग-अलग सक्रिय हैं और अपना काम कर रहे हैं।
रूसी सुरक्षा बलों के आतंकवादरोधी दस्ते ’आल्फ़ा’ के भूतपूर्व कर्मियों की एसोसियेशन के अध्यक्ष सिर्गेय गंचरोफ़ का भी यही मानना है कि मस्क्वा और साँक्त पितेरबुर्ग में गिरफ़्तार किए गए आतंकवादी हाल ही में बरगलाए गए होंगे। ये अनुभवी आतंकवादी नहीं लगते। मुझे ऐसा लगता है कि ये सभी लोग इस्लामी कट्टरतावाद के प्रचार के शिकार हुए हैं। लेकिन ऐसे ही लोग अपनी जान देने के लिए तैयार रहते हैं। इन लोगों को आतंकवादी कार्रवाइयाँ करने से रोकना बेहद ज़रूरी था। इन लोगों को पकड़कर आतंकवादी साज़िश का परदाफ़ाश करके रूसी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने बड़ी सफलता पाई है।
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रूस में सुरक्षा की स्थिति
सरकारी सूचनाओं के अनुसार, पिछले कुछ बरसों में रूसी ख़ुफ़िया एजेंसियाँ बहुत चौकन्नी हैं और वे सभी आतंकवादी साज़िशों का पहले ही पता लगा लेती हैं। समाचारपत्र ’इज़्वेस्तिया’ ने राष्ट्रीय आतंवादकरोधी समिति द्वारा जारी की गई आतंकी साज़िशों की एक सूची प्रकाशित की है, जिसमें बताया गया है कि 2015 में रूसी सुरक्षा बलों ने आतंकियों की तीन साज़िशों को नाकाम किया था और 2016 में अभी तक ख़ुफ़िया एजेंसियाँ आतंकवादियों के सात षड़यन्त्रों का खुलासा कर चुकी हैं।
एफ़एसबी के सेवानिवृत्त मेजर-जनरल और एफ़एसबी में अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी संघर्ष विभाग के पूर्व प्रमुख यूरी सपूनफ़ का कहना है कि रूस के सामने आतंकवादी कार्रवाइयों का बड़ा ख़तरा लहरा रहा है क्योंकि रूस आतंकवादियों के ख़िलाफ़ सीरिया में सैन्य कार्रवाई चला रहा है। लेकिन उसी समय सपूनफ़ का यह भी मानना है कि मस्क्वा और साँक्त पितेरबुर्ग के सामने खड़ा ख़तरा उतना ही भयानक है, जितना कि दुनिया के किसी भी दूसरे मेगानगर में। दुनिया के विशाल नगरों में अपराधी हमेशा बहुत ज़्यादा होते हैं और आतंकवादी भी बड़ी संख्या में छुपे रहते हैं। उनको खोज निकालने के लिए ही और उनकी साज़िशों को रोकने के लिए ही ख़ुफ़िया एजेंसियों को सक्रिय होना पड़ता है।
रूसी सुरक्षा बलों के आतंकवादरोधी दस्ते ’आल्फ़ा’ के भूतपूर्व कर्मियों की एसोसियेशन के अध्यक्ष सिर्गेय गंचरोफ़ ने कहा – एफ़एसबी और रूस की दूसरी ख़ुफ़िया एजेंसियाँ इसलिए अपना काम सफलतापूर्वक कर पा रही हैं क्योंकि वे बेहद चौकन्नी, सतर्क और सावधान हैं तथा मध्य एशिया की ख़ुफ़िया एजेंसियों के साथ भी लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं और सहयोग कर रही हैं। मस्कवा और साँक्त पितेरबुर्ग में इस बार जो आतंकवादी पकड़े गए हैं, उनके बारे में सूचना ताजिकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसियों से मिली थी। सिर्गेय गंचरोफ़ ने कहा – दरअसल रूस और मध्यएशिया के देशों ने आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (इरा) के ख़िलाफ़ अपने एजेण्टों का एक नेटवर्क बना रखा है, जो बहुत प्रभावशाली ढंग से काम कर रहा है। फिलहाल हम आतंकवादियों का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं और मुझे आशा है कि आगे भी ऐसा ही होगा।
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