यूरोपीय संघ ने रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबन्ध 31 जुलाई तक बढ़ाए
यूरोपीय परिषद द्वारा जारी की गई सूचना में बताया गया है कि यूरोपीय संघ ने रूस के ख़िलाफ़ लगे आर्थिक प्रतिबन्धों को औपचारिक तौर पर 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है।
यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबन्धों की अवधि इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि उक्रईना संकट से जुड़े मींस्क समझौतों पर अमल नहीं किया जा रहा है।
यूरोपीय परिषद द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है — विगत पन्द्रह दिसम्बर को यूरोपीय परिषद की बैठक में मींस्क समझौतों पर अमल करने के लिए की जा रही कार्रवाइयों का मूल्यांकन किया गया। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की सरकारों के नेताओं ने इसके बाद यह तय किया कि रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबन्ध 31 जुलाई 2017 तक बढ़ा दिए जाएँ। यूरोपीय परिषद ने 19 दिसम्बर 2016 को लिखित प्रक्रिया अपनाकर औपचारिक तौर पर यह निर्णय ले लिया।
यूरोपीय संघ ने 1 अगस्त 2014 को रूस के ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की थी। उसके बाद सितम्बर 2014 में इन प्रतिबन्धों को और व्यापक बनाया गया था।
रूस मींस्क समझौतों पर अमल को लेकर रूस पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने की बात को बेतुका मानता है क्योंकि रूस किसी भी रूप में मींस्क समझौतों से नहीं जुड़ा हुआ है।
इन पश्चिमी प्रतिबन्धों के जवाब में रूस ने यूरोप के कुछ देशों से खाद्य-पदार्थों का आयात बन्द कर रखा है। गोश्त, सलामी, मछली, समुद्री खाद्य-पदार्थ, सब्ज़ियाँ, फल और दूध आदि अब रूस पश्चिमी देशों से नहीं ख़रीदता है। जून 2015 में रूस ने पश्चिमी देशों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर लगाए गए प्रतिबन्ध को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। फिर जून-2016 में रूस ने इस प्रतिबन्ध को 31 दिसम्बर 2017 तक के लिए बढ़ा दिया।
पूर्वी उक्रईना में दो वर्ष तक समझौता कराने की कोशिश