मुक्त व्यापार समझौते से रूस और भारत के बीच व्यापार 30 अरब डॉलर होगा
यूरेशियाई आर्थिक संघ और भारत के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र का निर्माण करने के बारे में समझौता हो जाने के बाद रूस और भारत के बीच सन् 2025 तक आपसी व्यापार बढ़कर 30 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा। भारत में रूस के व्यापार प्रतिनिधि यरस्लाफ़ तरस्यूक ने ’तास’ समाचार समिति से बात करते हुए यह बात कही।
सैन्याभ्यास ’इन्द्र-नेवी-2016’
उन्होंने कहा — इस फ़ैसले का लम्बे समय से इन्तज़ार किया जा रहा है। इस तरह का समझौता रूस और भारत के नेताओं की इस योजना को फलीभूत करेगा कि दो देशों के बीच आज जो व्यापार सिर्फ़ 10 अरब डॉलर प्रतिवर्ष के स्तर पर है, वह 2025 तक 30 अरब डॉलर प्रतिवर्ष के स्तर तक पहुँच जाए।
साँक्त पितेरबुर्ग में यूरेशियाई आर्थिक संघ में शामिल देशों के नेताओं की बैठक हुई, जिसमें भाग लेने वाले रूस, कज़ाख़स्तान, किर्गिज़ीस्तान और अरमेनिया के नेताओं ने भारत, ईरान, मिस्र और सिंगापुर के साथ यूरेशियाई आर्थिक संघ के मुक्त व्यापार करने के सिलसिले में बातचीत शुरू करने का फैसला किया।
यरस्लाफ़ तरस्यूक ने कहा — रूस और भारत दोनों ही देश इस तरह का समझौता करना चाहते हैं। यहाँ, बस, यह बताना ही काफ़ी है कि आज रूस से भारत जाने वाली मशीनों पर 30 प्रतिशत का आयात कर लगाया जाता है। मुक्त व्यापार समझौता हो जाने के बाद रूस में बने माल भारतीय बाज़ार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएँगे और बहुत सस्ते पड़ने लगेंगे।
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