60 मील की ऊँचाई पर लक्ष्य भेदने वाली नई वायु सुरक्षा प्रणाली एस-500
इन दिनों रूस में बनाई जा रही नई वायु सुरक्षा प्रणाली एस-500 ज़मीन के ऊपर आकाश में 100 किलोमीटर (62 मील) की ऊँचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों को भी अपना निशाना बना सकती है। हथियार डिजाइनिंग ब्यूरो ’अल्माज़-अन्तेय’ के प्रमुख डिजाइनर पाविल सोज़िनफ़ ने समाचार समिति रिया नोवस्ती को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा — हमने अभी से पूर्वानुमान कर लिया है कि आने वाले 25 सालों में अन्तरिक्ष से और आकाश से हमला करने वाले हथियार कैसे होंगे। हमारी नई वायु सुरक्षा प्रणाली उन हथियारों का सामना करने में सक्षम होगी, जो अभी तक बनाए नहीं गए हैं, लेकिन भविष्य में जिनका निर्माण किया जा सकता है। बात वायुमण्डल के शिथिल वातावरण में ऊपरी परतों पर उपस्थित उन हथियारों की हो रही है, जो ज़मीन के ऊपर आकाश में सौ किलोमीटर दूर स्थित होंगे।
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एस-500 ऐसी वायु सुरक्षा प्रणाली है, जो छोटे-छोटे लक्ष्यों से लेकर पृथ्वी की निकटवर्ती परिधि पर उड़ने वाले अन्तरिक्ष यानों तक को अपना निशाना बना सकती है। यह प्रणाली अपने चारों तरफ़ के 600 किलोमीटर के इलाके में एक साथ दस ऐसे सुपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों को ढूँढ़कर उन्हें नष्ट कर सकती है, जो 7 किलोमीटर प्रति सैकण्ड की रफ़्तार से हमला करने के लिए बढ़े चले आ रहे हैं। इसके साथ-साथ यह प्रणाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी नष्ट करने की क्षमता रखती है।
एस-500 तथा अन्य मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणालियों के बीच सहयोग
एस-500 वायु सुरक्षा प्रणाली के साथ अपना अलग राडार स्टेशन होगा, जो दूसर सभी राडारों से मिलने वाली सूचनाओं को भी ग्रहण करेगा। यह राडार स्टेशन महत्व की दृष्टि से काम का बँटवारा करके अन्य मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणालियों के बीच पुनर्वितरित कर सकेगा।
सैन्य विज्ञान अकादमी के प्रोफ़ेसर वदीम कज़्यूलिन ने बताया — उदाहरण के लिए एस-500 वायु सुरक्षा प्रणाली के मिसाइलों को उन चारवियों (चालक रहित विमानों) या ड्रोन विमानों को निशाना बनाने की ज़रूरत नहीं है, जो बेहद सस्ते होते हैं, लेकिन वह ’वेरबा’ प्रणाली को यह आदेश दे सकेगी कि वह उन ड्रोनों पर निशाना साधे। ’वेरबा’ प्रणाली का ऑपरेटर एस-500 प्रणाली के राडार स्टेशन से यह आदेश मिलने पर ’वेरबा’ का बटन दबा देगा और ड्रोनों को निशाना बनाकर नष्ट कर देगा।
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इस तरह एस-500 वायु सुरक्षा प्रणाली रूस में सक्रिय सभी दूसरी वायु सुरक्षा प्रणालियों के साथ पारस्परिक सहयोग करते हुए उनके ऐसे केन्द्र के रूप में काम करेगी, जो उनके बीच काम का वितरण करेगा।
एस-500 वायु सुरक्षा प्रणाली के मिसाइल नए भौतिकीय सिद्धान्तों के आधार पर बनाए जाएँगे और वे 6150 से लेकर 12300 किलोमीटर प्रतिघण्टे की हाइपरसोनिक गति से उड़ेंगे। हाइपरसोनिक का मतलब होता है कि आवाज़ की गति से भी छह से पन्द्रह गुना अधिक गति से उड़ना।
2018 से 2025 के बीच रूसी सेना को नए आधुनिकतम हथियारों से लैस करने की परियोजना के दौरान ही हाइपरसोनिक मिसाइलों के पहले मॉडल बनकर सामने आ जाएँगे। उदाहरण के लिए, युद्धपोतों पर तैनात किए जाने के लिए बनाया गया पोतनाशक मिसाइल ’त्सिरकोन’ ऐसा ही मिसाइल है, जो अपने परीक्षण के दौरान हाइपरसोनिक गति से उड़ने लगा था।
वदीम कज़्यूलिन ने कहा — इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हमने ’त्सिरकोन’ नामक हाइपरसोनिक मिसाइल बना लिया है, यह कोई मुश्किल बात नहीं है कि एस-500 वायु सुरक्षा प्रणाली के लिए भी 2018 से 2025 के बीच ऐसे ही मिसाइल बना लिए जाएँगे। मुझे पूरा-पूरा विश्वास है कि एस-500 प्रणाली का पहला परीक्षण मॉडल इस बीच बनाकर तैयार कर लिया जाएगा।
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